‘जय बद्री विशाल’ के जयघोष के साथ शीतकाल के लिए बंद हुए बदरीनाथ धाम के कपाट

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का आज समापन हो गया है। केदारनाथ धाम, गंगोत्री धाम और यमुनोत्री धाम के बाद आज बद्रीनाथ धाम के कपाट भी बंद हो गए हैं। आज शनिवार 18 नवंबर दोपहर 3.33 बजे पूरे विधि विधान के साथ बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए  हैं। इसके लिए पूरे बद्रीनाथ धाम को 15 क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया गया है। बता दें कि सुबह से ही पूजा पाठ और मंत्रोच्चारण के साथ विधि विधान से कपाट बंद करने की तैयारी की जा रही थी। पंज पूजाओं के पांचवें दिन आज रावल माता लक्ष्मी को बद्रीनाथ मंदिर के गर्भगृह में विराजमान कर दिया गया।

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बद्रीनाथ धाम में कपाट बंद होने के आखिरी दिन भी बड़ी संख्या में यहां पर श्रद्धालु पहुंचे, जिन्होंने भगवान बद्री विशाल के दर्शन किए। मंदिर समिति के सदस्य हरीश गौड़ ने बताया कि शनिवार को मुहूर्त के मुताबिक दोपहर 3.33 बजे बद्रीनाथ धाम के कपाट विधि विधान के साथ बंद किए गए। आज सुबह मंदिर में मां लक्ष्मी की पूजा की गई और उन्हें भोग भी लगाया गया।

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